CONSIDERATIONS TO KNOW ABOUT SHIV CHAISA

Considerations To Know About Shiv chaisa

Considerations To Know About Shiv chaisa

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हे गिरिजा पुत्र भगवान श्री गणेश आपकी जय हो। आप मंगलकारी हैं, विद्वता के दाता हैं, अयोध्यादास की प्रार्थना है प्रभु कि आप ऐसा वरदान दें जिससे सारे भय समाप्त हो जांए।

शिव चालीसा भगवान भोलेशंकर को समर्पित है। इस शिव चालीसा का नियमित पाठ करने से महादेव आशीर्वाद प्रदान करते है और आपके जीवन में सुख-समृद्धि का संचार करते है।

कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥

लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥

शंकरं, शंप्रदं, सज्जनानंददं, शैल – कन्या – वरं, परमरम्यं ।

शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥

. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं

अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥

अर्थ: माता मैनावंती की दुलारी अर्थात माता पार्वती जी आपके बांये अंग में हैं, उनकी छवि भी अलग से मन को हर्षित करती more info है, तात्पर्य है कि आपकी पत्नी के रुप में माता पार्वती भी पूजनीय हैं। आपके हाथों में त्रिशूल आपकी छवि को और भी आकर्षक बनाता है। आपने हमेशा शत्रुओं का नाश किया है।

त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥

लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥

येहि अवसर मोहि आन उबारो ॥ लै त्रिशूल शत्रुन को मारो ।

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